सिटी मीडिया (अंबाला): 15 अगस्त को भारत अपना 75 वां आजादी का महोत्सव मना रहा है पुलिस लाइन,अंबाला शहर में भी राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा । इसकी जानकारी उपायुक्त विक्रम सिंह ने आज अपने कार्यालय में दी ।
उपायुक्त विक्रम सिंह ने हरियाणा अंबाला में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे संबंधित अधिकारियों की एक बैठक लेते हुए विस्तार से समीक्षा की और समारोह को सफलतापूर्वक आयोजन को लेकर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए अनाज मंडी अंबाला शहर में भी राज्य स्तरीय समारोह के दृष्टिगत सभी तैयारियां दुरुस्त होनी चाहिए उपायुक्त विक्रम सिंह ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य स्तरीय समारोह को लेकर अब तक क्या तैयारियां की जा चुकी है उसकी जानकारी हासिल की ।
लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता राजकुमार ने उपायुक्त को बताया कि पुलिस लाइन मैदान अंबाला शहर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर स्टेज बना ली गई है ट्रक का कार्य पूरा हो चुका है तथा मैदान पर कार्य किया जा रहा है इस प्रकार नगर निगम के ने बताया कि पुलिस लाइन में चल रहा है मैदान के बाहर भी सफाई व्यवस्था से संबंधित होनी चाहिए उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखें

राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की शान और गौरव का प्रतीक है. हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है, लेकिन दोनों ही मौकों पर झंडा फहराने में अंतर होता है. क्या आप जानते हैं दोनों राष्ट्रीय दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर है? अगर नहीं, तो आइए आपको उन अंतरों के बारे में बताते हैं…
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे ध्वजारोहण कहा जाता है
क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया था। संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting (ध्वजारोहण) कहा जाता है।
जबकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है संविधान में इसे Flag Unfurling (झंडा फहराना) कहा जाता है।
दूसरा 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जी जो कि केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं वो ध्वजारोहण करते हैं ।
क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था।
इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं। जबकि 26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख (राष्ट्रपति) झंडा फहराते हैं
और स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया जाता है ।
जबकि गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर झंडा फहराया जाता है।
ऐसे विषयों की जानकारी बच्चों को देना बहुत जरूरी होता है जिसके कारण उनमें देशभक्ति की भावना उत्पन्न हो और बच्चे अपने राष्ट्र पर गर्व कर सकें ।
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