अंबाला (सिटी मीडिया) अंबाला शहर के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा का अपने कार्यकाल के दौरान अंबाला में आईएमटी स्थापित करवाना उनका ड्रीम प्रोजेक्ट रहा था । लेकिन कुछ कारणों की वजह से यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया और यह प्रोजेक्ट शुरू से ही राजनीति की भेंट चढ़ता रहा ।
फिलहाल अब 2022 में भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंबाला में आई एम टी लगवाने के बजट को मंजूरी दे दी है । मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट की फाइल उद्योग मंत्रालय के पास जाएगी ।
विधायक असीम गोयल ने आईएमटी के लिए भाजपा सरकार को श्रेय देते हुए कहा कि अगस्त 2019 में मानव चौक के पास चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को लगाने की घोषणा की थी । उनका कहना है कि अंबाला-हिसार हाईवे पर यह आईएमटी प्रोजेक्ट प्रस्तावित है ।
विधायक का दावा है कि वह इस प्रोजेक्ट को लेकर कई बार मुख्यमंत्री से मिल चुके है । इस प्रोजेक्ट के लगने के बाद अंबाला में रोजगार की भारी संभावनाएं खुलेगी
पूर्व मंत्री विनोद शर्मा मंत्री की रही भरपूर कोशिश
पूर्व मंत्री विनोद शर्मा ने 2010 में अंबाला में आई एम टी लगवाने का प्रयास किया था । उस समय केंद्र में कांग्रेस सरकार थी तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने हरियाणा के लिए 2 आईएमटी की घोषणा की थी । जिसमें एक रोहतक दूसरी अंबाला में बनानी थी । उस समय के कद्दावर मंत्री विनोद शर्मा ने सरकार में रहते हुए काफी प्रयास किए ।
आईएमटी का यह प्रोजेक्ट काकरु, खतौली पंजोखरा जुनेदपुर जनेतपुर गरनाला में करीब 2000 एकड़ में लगना था । लेकिन उस समय में किसानों ने जमीन अधिग्रहण का विरोध किया खुद कांग्रेस सरकार में उस समय केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा वह उनके समर्थक कांग्रेसियों ने किसानों का साथ दिया था ।
कुल मिलाकर कहा जाए तो विनोद शर्मा की अपनी ही पार्टी के नेता इस प्रोजेक्ट के विरोध में आ गए थे । कई माह तक चले आंदोलन के बाद इस प्रोजेक्ट को खारिज कर दिया था ।
इस बात से नाराज होकर विनोद शर्मा ने 2014 के चुनाव के आसपास काँग्रेस छोड़ अपनी अलग हरियाणा जन चेतना पार्टी बना ली थी और विधायक का चुनाव लड़ा था लेकिन चुनाव जीत नहीं पाए थे ।

हालांकि 2019 में फिर से यह मामला फिर उछला जब विधायक असीम गोयल ने मुखमंत्री के समक्ष यह मांग रखी ।
क्या बन पाएगा IMT Ambala
अंबाला शहर के लोग 12 साल से IMT का राग सुनते थक चुके है। लोगों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट अभी भी दूर की कौड़ी लग रहा है और इस पर केवल राजनीति हो रही है । पिछली बार तो जमीन का अधिग्रहण भी हो चुका था । जिसके बाद भी यह प्रोजेक्ट रद्द कर दिया गया । वहीं अब दोबारा 2019 की मांग के बाद केवल घोषणा ही हुई है ।
मुखमंत्री की घोषणा के बाद यह प्रोजेक्ट उद्योग मंत्रालय के पास जाएगा, तब भी कई माह लगेंगे । वहीं दूसरी ओर इसके लिए करीब 2000 एकड़ जगह चाहिए । जिसकी अधिग्रहण की प्रक्रिया आसान नहीं होगी । वही एक नजर यदि अंबाला के विभिन्न प्रोजेक्टों पर डाले तो नौरंगराय तालाब, महावीर पार्क, बाल भवन में बन रहा तारामंडल, सहित कई अन्य प्रोजेक्ट हैं जो आज तक पूरे नहीं हुए हैं । यहां तक कि शहर के बस अड्डे पर भी कुछ काम अधूरे हैं । ऐसे में आईएमटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट में सालों लग सकते हैं फिलहाल यह मुद्दा नेताओं की राजनीति का अहम हिस्सा रहेगा और इसके नाम पर 2024 के चुनाव में वोट हासिल किए जाएंगे ।
महेंद्रगढ़ में शिलान्यास के 3 साल बाद नहीं बना आईएमटी । हरियाणा की बात करें तो मानेसर, सोहाना, फरीदाबाद, बाबल, रोहतक, खरखोद में आई एम टी है । महेंद्रगढ़ में 1500 एकड़ पर आई एम टी बनना था । जो कि 24 फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री के शिलान्यास के बाद भी आज तक नहीं बन पाया है ।
किसान कलेक्ट्रेट से 4 गुना राशि दे दे तो जमीन देने को तैयार
किसान नेता भूपेंद्र सिंह जो कि 2010 में आई एम टी के विरोध में आंदोलन करने वाले किसानों के अगवा थे उनका कहना है कि यदि सरकार कलेक्ट्रेट से 4 गुना राशि 30 साल की रॉयल्टी व परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे तो पंजोखरा की ओर से किसान इस प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन देने को तैयार हैं ।
हथिनीकुंड डैम से पानी की आपूर्ति होगी बल्कि 763 MU बिजली का उत्पादन भी होगा।
वहीं इस डैम के निर्माण से यमुना नदी के क्षेत्र में हर वर्ष बारिश के दिनों में बाढ़ आने वाली स्थिति से भी छुटकारा मिलेगा।